Taxation – GST & TDS In Tally (Full Detail)
व्यवसायामध्ये Taxation म्हणजे सरकारला कायद्याप्रमाणे भरावा लागणारा टॅक्स. भारतात टॅक्सेशनमध्ये प्रामुख्याने दोन प्रकार येतात:
|
Tax Type |
Full Form |
Meaning |
|
GST |
Goods
and Services Tax |
वस्तू
व
सेवा
पुरवण्यावर
लागणारा
टॅक्स |
|
TDS |
Tax
Deducted at Source |
पेमेंट
करताना
स्त्रोतावर
वजा
केला
जाणारा
टॅक्स |
🔷 1. GST (Goods and Services Tax)
GST हा भारतातील एक अप्रत्यक्ष कर असून वस्तू व सेवा विक्री किंवा खरेदी करताना आकारला जातो.
GST प्रणाली Destination-Based
Taxation System आहे — वस्तू/सेवा जिथे वापरल्या जातात तिथे टॅक्स भरला जातो.
📌 GST चे मुख्य प्रकार
|
GST Type |
लागू
ठिकाण |
कोणी
भरतो |
|
CGST |
एकाच
राज्यातील
व्यवहार |
Central
Government |
|
SGST |
एकाच
राज्यातील
व्यवहार |
State
Government |
|
IGST |
आंतरराज्य
व्यवहार
(interstate) |
Central
Government |
📌 GST Rates (सामान्य)
|
Rate |
वापर |
|
0% |
Books,
Food grain |
|
5% |
Essentials |
|
12% |
Goods
& services |
|
18% |
Majority
services & goods |
|
28% |
Luxury
items |
📌 GST Input
& Output Meaning
|
Type |
लागतो
कधी |
अर्थ |
|
Output
GST |
Sales
वर |
ग्राहकाकडून
मिळणारा
GST |
|
Input
GST |
Purchase
वर |
पुरवठादाराला
दिलेला
GST |
Final GST Payable Formula:
➡ Output GST – Input GST = GST
Payable / Refund
🔷 2. TDS (Tax Deducted at Source)
TDS म्हणजे पेमेंट करताना स्त्रोतावर टॅक्स वजा करणे.
कंत्राटदार, प्रोफेशनल, भाडे, कमिशन इत्यादी पेमेंटवर TDS लागू होतो.
📌 TDS चे उद्दिष्ट
✔ सरकारला टॅक्स वेळेवर मिळावा
✔ टॅक्स चोरी रोखणे
✔ वर्षाअखेरीस मोठा टॅक्स भार कमी करणे
📌 TDS ची सामान्य रेट्स
|
Payment Type |
Section |
TDS Rate |
|
Professional
Fees |
194J |
10% |
|
Contractor |
194C |
1%/2% |
|
Rent
(Property) |
194I |
10% |
|
Commission/Brokerage |
194H |
5% |
📌 पेमेंट कधी आणि कोणी करते?
|
काम |
जबाबदार |
|
TDS
deduct करणे |
पेमेंट
करणारी
संस्था |
|
Government
ला
जमा
करणे |
Deductor
(ज्याने
TDS वजा केला) |
|
TDS
Certificate मिळवणे |
Deductee
(ज्याचा
टॅक्स
वजा
झाला) |
📌 TDS Return
Filing Due Date
|
Quarter |
Due Date |
|
April
– June |
31
July |
|
July
– Sept |
31
October |
|
Oct
– Dec |
31
January |
|
Jan
– March |
31
May |
🔷 GST आणि TDS मधील फरक
|
Point |
GST |
TDS |
|
लागू |
Goods
& Services वर |
Payments
वर |
|
भरतो |
Customer |
Payment
करणारा |
|
उद्देश |
Revenue
Generation |
Tax
चोरी
रोखणे |
|
Return |
GSTR |
TDS
Return |
|
Credit |
ITC
Available |
Refund
/ Adjust |
🔷 GST & TDS का महत्वाचे आहेत?
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फायदा |
|
बिझनेस
लीगल
राहतो |
|
Penalty,
Interest, Notice पासून बचाव |
|
बिझनेसचा
Goodwill वाढतो |
|
सप्लाय
चेन
व्यवस्थित
चालते |
|
सरकारी
नियमांचे
पालन
होते |
🔷 बिझनेस मध्ये GST आणि TDS कधी आवश्यक?
|
परिस्थिती |
आवश्यक |
|
वस्तू/सेवा
विक्री |
GST |
|
वस्तू/सेवा
खरेदी |
GST |
|
Supplier
चे
बिल
प्राप्त |
GST |
|
Contractor
/ Professionals ला पेमेंट |
TDS |
|
Rent,
Commission पेमेंट |
TDS |
🔷 चुका झाल्यास परिणाम
|
करायची
चूक |
परिणाम |
|
GST
Return न भरल्यास |
Interest
+ Penalty |
|
TDS
Deduct न केल्यास |
100%
Disallowance |
|
TDS
deposit उशीर |
1.5%
per month interest |
|
GST
mismatch |
ITC
Reject |
🔷 Final
Conclusion
GST आणि TDS दोन्ही बिझनेससाठी महत्त्वाचे आहेत. GST वस्तू व सेवा विक्रीवर लागू होतो तर TDS पेमेंट करताना वजा केला जातो. दोन्ही टॅक्स व्यवस्थित भरल्याने व्यवसाय कायदेशीर, पारदर्शक व विश्वासार्ह राहतो.
✔ GST →
Output – Input = Payable / Refund
✔ TDS → Payment करताना deduct →
Government ला जमा → Return Filing
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